
देव दीपावली 2025: काशी में लाखों दीपों से सजी मां गंगा की आरती, विश्वनाथ धाम में उमड़ा जनसागर
काशी की देव दीपावली पर लाखों दीपों से सजी मां गंगा की आरती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं — हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजा विश्वनाथ धाम।
काशी में देव दीपावली की दिव्यता से आलोकित हुआ विश्वनाथ धाम, लाखों दीपों से सजी मां गंगा की आरती
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी आज एक बार फिर अध्यात्म, संस्कृति और आस्था के संगम का साक्षी बनी। देव दीपावली के अवसर पर मां गंगा के घाटों पर लाखों दीप जलाकर श्रद्धालुओं ने धरती पर स्वर्ग जैसा नजारा प्रस्तुत किया। वाराणसी के हर घाट पर दीपों की कतारें, घंटियों की गूंज, आरती के स्वर और भक्ति की लहरों ने ऐसा वातावरण रचा जिसने हर श्रद्धालु के मन-प्राण को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देव दीपावली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि —
“बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी आज देव दीपावली के अनुपम प्रकाश से आलोकित है। मां गंगा के किनारे काशी के घाटों पर प्रज्वलित लाखों दीपों में सबके लिए सुख-समृद्धि की कामना है। यह दिव्यता और भव्यता हर किसी के मन-प्राण को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। हर-हर महादेव!”
लाखों दीपों से सजी काशी
सांझ ढलते ही गंगा किनारे के सभी घाट सुनहरी रोशनी से जगमगा उठे। दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट, पंचगंगा घाट और राजघाट पर लाखों दीपों की श्रेणी ने भक्ति की अनोखी ज्योति प्रज्ज्वलित की। हर दीप में श्रद्धा, विश्वास और काशी की सनातन संस्कृति का तेज झलक रहा था।
स्थानीय प्रशासन और घाट समितियों की ओर से घाटों पर आकर्षक सजावट की गई थी। गंगा सेवा निधि और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर लगभग 15 लाख दीपों से घाटों को सजाया। मां गंगा की महाआरती में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु, पर्यटक और साधु-संत पहुंचे।
गंगा आरती का अद्भुत नजारा
संध्या के समय जब गंगा आरती प्रारंभ हुई, तो पूरा वातावरण “हर-हर गंगे, हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा। ब्रह्ममुहूर्त से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। गंगा आरती के समय दीपों की लौ और मंत्रोच्चारण का संगम ऐसा दृश्य बना रहा था मानो गंगा मैया स्वयं मुस्कुरा रही हों।
काशी विश्वनाथ धाम के गलियारों में फूलों की वर्षा, भक्ति संगीत और शंखनाद से माहौल और अधिक आध्यात्मिक बन गया। ड्रोन कैमरों की सहायता से घाटों की रोशनी का दृश्य आकाश से देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे काशी तारों का नगर बन गई हो।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“काशी के घाटों पर दीपों की यह अद्भुत छटा न केवल भारत की आस्था का प्रतीक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत की झलक भी है। यह रोशनी, यह दिव्यता, और यह उत्सव देशवासियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करे।”
प्रधानमंत्री के इस संदेश को लाखों लोगों ने साझा किया और देशभर से लोग वर्चुअल रूप से काशी की देव दीपावली का आनंद लेते रहे।
अद्भुत समन्वय और तैयारियां
देव दीपावली के आयोजन को लेकर वाराणसी जिला प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात के विशेष इंतज़ाम किए। पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें गंगा किनारे तैनात रहीं। 100 से अधिक नावों को आरती स्थल से दूर रोकने के निर्देश दिए गए ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सफाईकर्मियों, स्वयंसेवकों और छात्रों ने मिलकर घाटों को दीपोत्सव से पहले साफ-सुथरा और आकर्षक बनाया।
संस्कृति और पर्यटन का संगम
देव दीपावली अब सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह वाराणसी के सांस्कृतिक और पर्यटन जीवन का सबसे बड़ा पर्व बन गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने भी इस अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए।
संगीत नाटक अकादमी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित भक्ति संगीत कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक कलाकारों ने भजन और शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया।
देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु
काशी की देव दीपावली का आकर्षण हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। इस बार अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, नेपाल और श्रीलंका से आए सैकड़ों पर्यटकों ने इस आयोजन को अपने कैमरों में कैद किया।
विदेशी पर्यटकों ने कहा कि उन्होंने ऐसा दिव्य आयोजन पहले कभी नहीं देखा। मां गंगा के किनारे एक साथ जलते लाखों दीपों का नजारा “जीवंत आध्यात्मिक अनुभव” जैसा लगा।
काशी के घाटों से फैलता प्रकाश पूरे देश में
देव दीपावली को “दीपों का महाकुंभ” भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन काशी का हर घर, हर गली, हर घाट प्रकाश से भर उठता है। यह पर्व सिर्फ काशी का नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक आत्मा का उत्सव है।
बाबा विश्वनाथ की नगरी से जलने वाला यह प्रकाश पूरे देश में शांति, प्रेम और सौहार्द का संदेश देता है।












