
Al-Falah University से जैश-लिंक्स: मौलवी इरफान मास्टरमाइंड, 7 डॉक्टरों समेत 13 हिरासत — जांच जारी
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े संदिग्धों का खुलasa। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मॉड्यूल का मास्टरमाइंड श्रीनगर का मौलवी इरफान, डॉ. शाहीन ने पूछताछ में कई कबूलनामे दिए। जांच एजेंसियां साक्ष्यों को वेरिफाई कर रही हैं।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी और दिल्ली ब्लास्ट: जांच में जैश-लश्कर के लिंक, मॉड्यूल का मास्टरमाइंड बताया गया मौलवी इरफान
कानपुर/फरीदाबाद/नई दिल्ली।दिल्ली के लाल किले इलाके में हुए विस्फोट और उससे जुड़ी जांच में फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं। जांच एजेंसियों और पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मॉड्यूल के पीछे श्रीनगर के मौलवी इरफान अहमद को मास्टरमाइंड के रूप में चिन्हित किया जा रहा है। इरफान के बारे में कहा जा रहा है कि वह श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करता था, नौगाम मस्जिद का इमाम था और छात्रों के संपर्क में रहा।
प्रमुख बिंदु (स्रोतों के अनुसार)
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इरफान अहमद: कई स्टूडेंट्स को कट्टरपंथी विचार देता था, उन्हें वीडियो दिखाता और उसका अफगानिस्तान में कॉन्टैक्ट था। वॉयस-ओवर इंटरनेट-प्रोटोकॉल (VoIP) के जरिए वह लिंक-अप करता था। जांच में उसे मॉड्यूल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
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डॉ. उमर (उमर नबी/उमर का उल्लेख): पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलवामा का रहने वाला बताया जा रहा है। दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई सफेद i20 कार चलाने वाला बताया गया शख्स वही हो सकता है; हालांकि उसकी मौत पर DNA व अन्य जांचें चल रही हैं और सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल इसे आतंकी आत्मघाती हमला घोषित नहीं कर रही हैं। उमर जनवरी 2017 में श्रीनगर से MBBS पास कर जम्मू में 2018 में डॉक्टर रजिस्टर्ड हुआ था। वह पिछले डेढ़ साल से अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहा था।
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डॉ. मुज्जमिल (मुझम्मिल/शकील संदर्भ): पुलवामा के कोइल गांव से बताये जा रहे और जैश-नेटवर्क से जुड़े होने का शक। अरेस्ट के बाद मिले साक्ष्यों में फेस-मास्क, विग और दो किराए के कमरों से भारी मात्रा में विस्फोटक और असॉल्ट राइफलें मिलने की रिपोर्टें हैं — जिसमें 360 किग्रा विस्फोटक और अमोनियम नाइट्रेट के अलावे वॉकी-टॉकी बरामद होने की बात सामने आई है।
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डॉ. शाहीन (Dr Shaheen Saeed / Shaheen Shahid के नामों के उल्लेख): आरोप है कि वह जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कमांडर थीं और भारत में महिला विंग (जमात-उल-मोमिनात के नाम से) सक्रिय करने का काम कर रही थीं। जांच में कहा गया है कि सादिया अजहर (मौजूदा आरोपों के अनुसार मसूद अजहर की बहन का उल्लेख) ने उन्हें महिला विंग की जिम्मेदारी दी। शाहीन ने पूछताछ में कई स्वीकारोक्तियाँ की हैं — जांच जारी है और एजेंसियां उनके संपर्कों को ट्रेस कर रही हैं।
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आदिल/अन्य कनेक्शन: कश्मीरी संदिग्ध आदिल मोहम्मद/आदिल शकील इत्यादि के ट्रेसिंग से भी फरीदाबाद और कश्मीर के संदिग्धों के बीच तार जुड़ने के संकेत मिले हैं।
पुलिस/खुफिया जानकारी और मालूमात
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जांच में कई संदिग्धों के व्हाट्सएप कॉल डिटेल्स डिलीट पाए जाने की रिपोर्ट है, जिससे साजिश और कड़ी निकली।
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सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि PoK में इंटरसेप्ट कम्युनिकेशन से संकेत मिले कि कुछ संगठन तीन-चार महीनों से हमलों की साजिश रच रहे थे। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के लिंक पर भी जांच का दायरा है।
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में हुई छानबीन के बाद पुलिस ने हमले से सम्बन्धित सुराग जुटाने के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया; पूछताछ और सर्विलांस के आधार पर और भी गिरफ्तारी/ट्रेसिंग की जा सकती है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन और स्थिति
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यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर भूपेंद्र कौर और मेडिकल अधीक्षक डॉ. जमील से संपर्क करने पर उनके फोन बंद मिले और सुरक्षा गार्ड ने प्रवेश रोका — प्रशासन के रवैये पर सवाल उठे हैं।
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संस्थान 2006 में स्थापित, 2015 में UGC द्वारा यूनिवर्सिटी दर्जा मिला; 76 एकड़ में फैला और 650-बेड का अस्पताल संचालित करता है — इन सबके बीच यह मामला अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित कर चुका है।
जांच की अगली कड़ियाँ
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DNA व फॉरेंसिक रिपोर्ट्स (जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है) से कई दावों की पुष्टि या खंडन हो सकता है।
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सुरक्षा एजेंसियां आरोपों और मिले इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की वेरिफिकेशन कर रही हैं; मीडिया-पब्लिक विवरणों के आधार पर ही अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाले जा सकते।












