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World Diabetes Day 2025: मधुमेह और समग्र कल्याण थीम, जानें क्यों ख़तरनाक हो रही है यह बीमारी

विश्व मधुमेह दिवस 2025 पर जानिए मधुमेह के बढ़ते खतरे, इस वर्ष की थीम ‘मधुमेह और समग्र कल्याण’, भारत में बढ़ते मामलों और नियंत्रण के लिए अहम विशेषज्ञ सलाह। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण और तनाव प्रबंधन से कैसे कम करें डायबिटीज का जोखिम? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

विश्व मधुमेह दिवस 2025: क्यों ज़रूरी है संतुलित जीवनशैली, जानिए विशेषज्ञों की राय और इस वर्ष की थीम

नई दिल्ली। हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है। यह दिन मधुमेह जैसी वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दुनिया भर में मनाया जाता है। इस वर्ष (2025) की थीम ‘मधुमेह और समग्र कल्याण’ (Diabetes and Well-Being) है, जो इस बात पर ज़ोर देती है कि मधुमेह का प्रबंधन केवल दवाई या ब्लड शुगर नियंत्रण तक सीमित नहीं, बल्कि व्यक्ति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।

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क्यों महत्वपूर्ण है 14 नवंबर?

14 नवंबर की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि इसी दिन इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्म हुआ था। साल 1922 में इंसुलिन की खोज ने लाखों मधुमेह रोगियों को नई ज़िंदगी दी और इस बीमारी के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाया। विश्व मधुमेह दिवस की शुरुआत 1991 में इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने संयुक्त रूप से की थी।


भारत में मधुमेह का बढ़ता संकट

भारत आज दुनिया के उन देशों में शामिल हो चुका है जहां मधुमेह के मामले बेहद तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

  • 10 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित
  • बीमारी अब केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं, बच्चे और युवा भी बड़ी संख्या में प्रभावित
  • मोटापा, तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और असंतुलित खानपान इसके प्रमुख कारण
  • अनियंत्रित मधुमेह हृदय, किडनी, आंखों और नसों पर गंभीर प्रभाव डालता है

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते जागरूकता नहीं बढ़ी, तो मधुमेह भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभर सकता है।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: कैसे बचें और कैसे नियंत्रित रखें डायबिटीज?

मधुमेह को ‘लाइफ़स्टाइल डिज़ीज़’ माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि इसे केवल दवाइयों से नहीं, बल्कि संतुलित जीवनशैली से ही पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।

  • भोजन में फाइबर, प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल करें
  • जंक फूड, मीठे और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें
  • शुगर को ‘धीमा ज़हर’ मानकर सीमित करें
  • रोज़ 30–45 मिनट तेज़ चलना
  • योग, दौड़ या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि ज़रूरी
  • शारीरिक सक्रियता ब्लड शुगर को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करती है
  • BMI नियंत्रित रखें
  • विशेषकर पेट की चर्बी (विसरल फैट) कम करना सबसे ज़रूरी
  • मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है
  • पर्याप्त नींद
  • मेडिटेशन और योग
  • तनाव हार्मोन बढ़ाकर ब्लड शुगर को असंतुलित करता है
  • फैमिली हिस्ट्री हो तो हर 6 महीने में शुगर टेस्ट
  • शुरुआती चरण में पता चलने पर मधुमेह पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है

विश्व मधुमेह दिवस हमें याद दिलाता है कि यह बीमारी केवल दवाइयों से नहीं बल्कि समझदार, संतुलित और सक्रिय जीवनशैली से ही परास्त की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समाज में बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाई जाए, तो करोड़ों लोगों को मधुमेह से होने वाली गंभीर जटिलताओं से बचाया जा सकता है।

 

Ashish Sinha

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