
सरगुजा को मिलेगा रेल सुविधाओं का तोहफा! टी.एस.सिंहदेव की पहल से रेलवे ने दी बड़ी स्वीकृतियां
सरगुजा को मिलेगा रेल सुविधाओं का तोहफा! टी.एस.सिंहदेव की पहल से रेलवे ने दी बड़ी स्वीकृतियां
अंबिकापुर में नया प्लेटफार्म स्वीकृत, दिल्ली ट्रेन के अतिरिक्त फेरे की मांग भी रखी गई
रायपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंहदेव ने सरगुजा संभाग की जनता के लिए बड़ी सौगात दिलाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के जनरल मैनेजर तरुण प्रकाश से मुलाकात कर अंबिकापुर रेलवे स्टेशन और सरगुजा संभाग में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए ज्ञापन सौंपा।
इस चर्चा के दौरान रेलवे जीएम ने अंबिकापुर रेलवे स्टेशन पर एक अतिरिक्त प्लेटफार्म बनाने की मांग को तत्काल स्वीकृति दे दी। यह फैसला सरगुजा क्षेत्र के यात्रियों के लिए बहुप्रतीक्षित राहत साबित होगा। इसके अतिरिक्त, अंबिकापुर से दिल्ली के लिए चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन के एक और फेरे की मांग भी की गई।
टी. एस. सिंहदेव ने इस मौके पर 31 दिसंबर 2024 को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजे गए मांग पत्र का उल्लेख करते हुए सरगुजा संभाग में रेलवे लाइन विस्तार और नई ट्रेनों की जरूरतों को प्रमुखता से उठाया।
रेलवे सुविधाओं का विस्तार – सरगुजा के लिए विकास की नई राह
सरगुजा संभाग का रेल नेटवर्क राज्य के अन्य हिस्सों की तुलना में अभी भी सीमित है। लेकिन यहां उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए रेलवे का विस्तार आवश्यक हो गया है।
टी. एस. सिंहदेव की प्रमुख मांगें:
✔️ अंबिकापुर रेलवे स्टेशन पर एक और प्लेटफार्म का निर्माण – जिसे रेलवे जीएम ने स्वीकृति दे दी है।
✔️ अंबिकापुर से दिल्ली निजामुद्दीन तक चलने वाली ट्रेन का एक अतिरिक्त फेरा – जिससे यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
✔️ अंबिकापुर-रेनुकूट, अंबिकापुर-बरवाडीह, अंबिकापुर-झारसुगुड़ा और अंबिकापुर-कोरबा रेलवे लाइन के विस्तार पर चर्चा।
✔️ अंबिकापुर से रायपुर या गोंदिया तक इंटरसिटी ट्रेन चलाने की मांग – जिससे स्थानीय यात्रियों को सीधा फायदा होगा।
✔️ शहडोल-नागपुर ट्रेन का विस्तार अंबिकापुर तक करने का प्रस्ताव।
✔️ अंबिकापुर-दुर्ग ट्रेन का विस्तार नागपुर तक करने का सुझाव।
सरगुजा को क्यों चाहिए रेलवे विस्तार?
1. आर्थिक लाभ और रेलवे का मुनाफा
सरगुजा क्षेत्र में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट और अन्य खनिज संपदाओं का बड़ा भंडार है। यह खनिज संपदा भारतीय रेलवे के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। टी. एस. सिंहदेव ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि रेलवे को सरगुजा से होने वाले मुनाफे के साथ यहां की जनता की जरूरतों का भी ध्यान रखना चाहिए।
2. व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सरगुजा एक महत्वपूर्ण पर्यटन और व्यापारिक केंद्र बनता जा रहा है। बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी से स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यटन, होटल, परिवहन और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
3. चिकित्सा और शिक्षा के लिए जरूरी कनेक्टिविटी
सरगुजा के हजारों लोग बेहतर इलाज और उच्च शिक्षा के लिए रायपुर, बिलासपुर, भोपाल, दिल्ली, कोलकाता और विशाखापत्तनम जैसे शहरों का रुख करते हैं। लेकिन ट्रेनों की कमी के कारण उन्हें निजी बसों और महंगे परिवहन साधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसीलिए सरगुजा से बड़े शहरों तक सीधी ट्रेन सेवाएं शुरू करना अत्यंत आवश्यक है।
रेलवे मंत्रालय से क्या उम्मीदें?
अब सवाल यह उठता है कि रेलवे मंत्रालय सरगुजा की इन मांगों को कब तक पूरा करेगा? रेलवे प्रशासन ने प्लेटफार्म विस्तार की स्वीकृति तो दे दी है, लेकिन बाकी मांगों पर निर्णय लेना अभी बाकी है।
रेलवे जीएम तरुण प्रकाश ने आश्वासन दिया कि वे इन मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और जल्द से जल्द इन पर पहल की जाएगी। अगर रेलवे इन योजनाओं को मंजूरी देता है, तो सरगुजा संभाग को यातायात, व्यापार और सामाजिक विकास में अभूतपूर्व लाभ होगा।
आम जनता की राय – कब होगा सरगुजा को न्याय?
सरगुजा संभाग के नागरिक लंबे समय से रेलवे सुविधाओं के विस्तार की मांग कर रहे हैं। लेकिन यह मांग फाइलों में दबकर रह जाती है या फिर नीतिगत कारणों से अटक जाती है।
यात्रियों और स्थानीय संगठनों का कहना है कि सरगुजा क्षेत्र को जितना राजस्व रेलवे को देता है, उसके अनुपात में उसे रेल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। आम जनता को उम्मीद है कि टी. एस. सिंहदेव की पहल इस बार रंग लाएगी और सरगुजा को उसका हक मिलेगा।
रेलवे मंत्रालय का अगला कदम क्या होगा?
अब निगाहें रेलवे मंत्रालय और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर टिकी हैं। क्या वे सरगुजा की इस मांग को प्राथमिकता देंगे? क्या यहां के लोगों को दिल्ली, रायपुर और अन्य शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी?
अगर रेलवे इन योजनाओं को स्वीकृति देता है, तो यह सरगुजा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। अब देखना यह है कि सरगुजा का सपना कब हकीकत में बदलेगा?