सरगुजा

सुरगजा जिला पंचायत सामान्य सभा बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा।

सुरगजा जिला पंचायत सामान्य सभा बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा

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सुरगजा : जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि परसा कोल ब्लॉक को लेकर लगातार फर्जी ग्राम सभा की शिकायत आती रही जो मामला बाद में अनुसूचित जनजाति आयोग के पास पहुंचा था जहां से सुनवाई के बाद यह रिपोर्ट सामने आयी थी कि वह ग्राम सभा फर्जी है। चूंकि आयोग सरकार की ही एक इकाई है ऐसे में उसकी रिपोर्ट को संज्ञान में लेना चाहिये। जिला प्रशासन व जिला पंचायत की ओर से ग्राम सभा को लेकर जो भी जांच के लिये नियम हो उसके अनुसार भी जांच कराई जाये। आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि पिछले दिनों कटाई के दौरान कई फसल वाले भूमि प्रभावित हुए उसका प्रकरण बना कर मुआवजा दिया जाये। परसा कोल ब्लॉक एवं अन्य खदानों के लिए जो भी पेड़ काटे जा रहे हैं वनों की कटाई हो रही है उसके एवज में सरगुजा में ही वृक्षारोपण हो। इस प्रस्ताव को सभी जिला पंचायत सदस्यों एवं जनपद अध्यक्षों ने सहमति दी। उदयपुर के जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बहुत जरूरी है सरकार कर नियम मोला समझ नई आएल बुखार लेत है मोला तो सुईं लगात हैं जिला पंचायत सदस्य सुनील ला ये कौन सा नियम है। जब पेड़ कटाई सरगुजा में तो वृक्षारोपण भी यहीं हो। वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने पिछले दौरान कटाई के दौरान उपजे आक्रोश के समय जो ग्रामीणों पर एफआईआर हुई है, उसे वापस लेने हेतु सभी सदस्यों ने अपनी ओर से सहमति का प्रस्ताव पारित किया। वहीं आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि उदयपुर में चल रहे इन कोल खदानों का एवं नये खुलने वाले खदानों का रामगढ़ के पहाड़ पर क्या प्रभाव पड़ रहा है उसका अध्ययन वन विभाग एवं ए एसआई के माध्यम से सर्वेक्षण कराया जाये।

सामान्य प्रशासन की बैठक में महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण सहित वनाधिकार पत्र जैसे विषयों पर चर्चा करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि महामाया पहाड़ में एक बार वृहद स्तर पर कैम्प लगाकर वनाधिकार के लंबित मामलों का सबसे पहले निराकरण किया जाये साथ ही वनाधिकार पत्र के अलावे बाकी अतिक्रमित क्षेत्र को मुक्त कराते हुए उसे रिजर्व फारेस्ट के रूप में विकसित किया जाये साथ ही महामाया पहाड़ को संरक्षित वन के रूप में विकसित किया जाये। किन्तु इसके पहले नजूल, राजस्व एवं वन विभाग अपने अपने क्षेत्र का सीमांकन कर दें ताकि एक सीमा रेखा खींची जा सके और सुरक्षित पहाड़ के रूप में संरक्षित किया जाये। दो बार पहले भी जांच हो चुका है वहां पर और जांच रिपोर्ट भी आई है साथ ही शहर के बगल के क्षेत्र है तो लोगों के बसने को लेकर काफी सहूलियत वाला क्षेत्र लोगों को लगता है। ऐसे में यदि एक बार कड़ाई से संरक्षित करने को लेकर एकजुट हो जायें तो नये मामलों पर रोक लगे साथ ही एक पहाड़ के अगल-बगल के ग्रामों को सामुदायिक वनाधिकार का पट्टा दे दिया जाये जिससे इस पहाड़ का संरक्षण हो सकें।

वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने गर्दनपाठ के मामले को उठाते हुए कहा कि रजवार समाज के निस्तार की भूमि जो अब किसी की निजी भूमि हो गई है उस पर प्रशासन पहल करे और सामांजस्य बनाते हुए निजी भूमि में वह क्षेत्र जो रजवार समाज के उपयोग का है उसे मुक्त कराते हुए उतना जमीन निजी भू स्वामी को कहीं और दे दें। इससे समस्या का हल निकालने पहल करनी चाहिये।

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मलगांवा खुर्द के ग्राम रामनगर में पहाड़ पर एक आस्था का केंद्र है जहां पर गांव के लोग राममंदिर बनाना चाहते हैं। जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने यह प्रस्ताव रखा जिसमें सभी ने सहमति दी और वन विभाग से अनुरोध किया कि ग्रामीणों के आस्था केंद्र पर मंदिर बनाने की सहमति दी जाये।

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव को लेकर हुए परिसीमन को लेकर सामान्य प्रशासन एवं सामान्यसभा दोनों में जिला पंचायत सदस्यों एवं जनपद सदस्यों ने जम कर सवाल खड़े किए। जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने कहा कि पंचायतों का परिसीमन तो नहीं हुआ लेकिन वोटरों का परिसीमन वोटर लिस्ट में कर दिया गया। कहीं पंचों को दूसरे वार्डों में डाल दिया गया है तो कहीं तो सरपंचों के नाम ही गांव से गायब कर दिए गये हैं। वहीं जनपद सदस्य क्षेत्रों का परिसीमन जो किया गया वह भौगोलिक न होकर राजनीतिक प्रभाव में किया जा रहा है। जिसमें काफी त्रुटियां हैं, जो हमें स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि यह पुरा कार्य राजस्व विभाग के अधिकारियों के अधीन था, हम आपकी बातों को वहां तक पहुचायेंगे साथ ही वोटर लिस्ट में नाम सुधार और जोड़ने की प्रक्रिया को स्थानीय स्तर पर सुधरवाया जा सकता है।

स्कूली शिक्षा विभाग में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था का धरातल पर सही तरीके से संचालन को लेकर कई तरह आ रही शिकायत आ रही है, जहां इस विषय पर जिला पंचायत सदस्य लगातार सवाल करते रहे, वहीं जनपद अध्यक्षों ने भी मध्यान्ह भोजन योजना के सही तरीके से संचालन को लेकर सवाल उठाये। वहीं कई जगह से जिला एवं जनपद सदस्यों ने यह भी जानकारी दी पिछली बार जब जर्जर स्कूलों को गिराया गया तो मध्यान्ह भोजन शेड टूट गये हैं और शौचालय के साथ दीवाल के किनारे मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था की गई है, जो काफी बदहाल है।

वहीं नालंदा परिसर हेतु वृहद संख्या में बच्चों की उपस्थिति को देखते हुए पुराने डाइट परिसर को नालंदा परिसर लायब्रेरी के लिए सभी ने प्रस्तावित करते हुए कलेक्टर को भेजने की सभी ने सहमति दी।

पीएचई विभाग के ईई को जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक सदस्यों ने घेर लिया और हैंडपम्प सुधार के नाम पर दी गई जानकारी को लेकर दी गई पूरी रिपोर्ट को फर्जी करार देते हुए कहा कि आप गलत आंकड़ा दे रहे हैं इसे हम नहीं मानेंगे। कई जनपद पंचायत सदस्यों ने भी कहा कि अभी भी कई हैंडपम्प गांव में खराब है। लगातार खराब रहती है लेकिन सुधार करने वालों के पास कोई सामान ही नहीं है ऐसे में जो सुधार की जानकारी है यह आंकड़ा फर्जी है।

माझी मझवार के बीच जागरूकता कार्यक्रम के लिए डीएमएफ योजना के तहत खर्च हुए राशि की जानकारी के बारे में पिछले जिला पंचायत के बैठक में जानकारी दी गई थी और जिला पंचायत सदस्य मैनपाट सुनील बखला ने जांच की मांग की थी। जिस पर जानकारी देते हुए जनपद पंचायत मैनपाट के सीईओ ने लिखित जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा कोई कार्य नहीं हुआ है। जबकि जिला खनिज संस्थान न्यास ने सूचना के अधिकार अंतर्गत राशि खर्च होना बताया।

Ashish Sinha

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